इश्क़ क्या है

इश्क ही इश्क़ है जहां देखो

सारे आलम में भर रहा है इश्क़

इश्क़ माशूक इश्क आशिक़ है

यानी अपना ही मुबतला है इश्क़

कौन मक़सद को इश्क बिन पहुंचा

आरजू इश्क मुद्दआ है इश्क़

दर्द ही खुद है खुद दवा है इश्क़

शैख़ क्या जाने तू कि क्या है इश्क़

तू न होवे तो नज़्म-ए-कुल उठ जाये

सच्चे हैं शायरां खुदा है इश्क़

Comments

Popular posts from this blog

How is the name Gundapar derived

The Reappearance of the last Mehdi

Mirza Ghalib Ghazal - Ye na thi hamar qismat